तुम्हारी अहमियत

तुम्हारे जाने के बादजब उस रात अकेले सोयेतो पता चलाकि कितने अहम हो तुमऔर अब इन कुछ सालों के तजुर्बे मेंइतना तो पता चल ही गया हैकि किसी के लिए भीये अहमियत महसूस होनाकोई आम बात नहीं

तुम्हारा साथ

शायद इतना आगे आ गए है इस दौड़ में,कि वापस चलना मुश्किल हैअब यहीं बैठ जाएं तो अच्छा हैमेरे पैरों के घाव को तुम सहला देनाऔर, तुम्हारी टूटी हुई हिम्मत को मैं जोड़ दूंगी